पटना न्यूज डेस्क: पटना हाईकोर्ट के रिटायर्ड असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुभाष चंद्रा से 49 लाख रुपये की ठगी के मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान लखनऊ के गौरव जायसवाल, सीतापुर के ताबिश उर रहमान और असद वकील खान के रूप में हुई है। इनके पास से तीन मोबाइल फोन और थोड़ी नकदी बरामद की गई है। पुलिस अब इस पूरे गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है।
दरअसल, सुभाष चंद्रा ने शिकायत में बताया था कि कुछ लोगों ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दी और डराकर 49 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत के बाद 11 मई को साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई।
एडीसीपी (क्राइम) श्रुति श्रीवास्तव ने बताया कि इंस्पेक्टर अजय राज शर्मा के नेतृत्व में बनी टीम ने मोबाइल नंबर, बैंक ट्रांजैक्शन और डिजिटल सर्विलांस के ज़रिए आरोपियों को ट्रैक किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों का एक संगठित गिरोह है जो आम लोगों को पैसों का लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाता है और फिर उनका दुरुपयोग करता है।
गिरफ्तार ठगों ने कबूला कि वे लोगों से खाता खुलवाकर उनके डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की जानकारी अपने पास रख लेते थे। बाद में उन्हीं खातों में साइबर ठगी के पैसे मंगवा कर उसे अलग-अलग खातों में भेजते और कैश निकाल लेते थे। इतना ही नहीं, गिरोह के कुछ विदेशी साथी भी हैं, जिन्हें डॉलर में कमीशन दिया जाता है। पुलिस अब इस अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले गिरोह की कड़ियाँ जोड़ने में लगी है।